Barabanki News: शार्ट सर्किट से लगी आग कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू



➡️निंदूरा बाराबंकी। कानपुर जनपद निवासी मनीष गुप्ता की औधोगिक क्षेत्र उमरा में सिद्धि विनायक इंटर प्राइजेज नाम से फैक्ट्री संचालित है। इस फैक्ट्री में वाहनों के पुराने टायरों को गलाकर आयल निकालने का कार्य किया जाता है। बुधवार भोर करीब चार बजे अचानक हुए शार्ट सर्किट से फैक्ट्री में आग लग गई। जिस समय आग लगी फैक्ट्री चल रही थी। जिसमें करीब एक दर्जन से अधिक श्रमिक कार्य कर रहे थे। अचानक लगी आग देखते ही देखते पूरी फैक्ट्री को अपनी आगोश में ले लिया। आग और धुआं देख फैक्ट्री में काम कर रहे श्रमिकों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन कर एक एक कर सभी श्रमिक बार निकले। जिसके बाद श्रमिकों ने मामले की सूचना पुलिस व दमकल विभाग को दी। सूचना पर करीब एक घंटे बाद लखनऊ व जिले से दमकल की आधा दर्जन से अधिक गाडियां पहुंची। घंटों चले अभियान के बाद आग पर काबू पाया। भोर करीब चार बजे लगी सुबह दस बजे तक सुलगती रही।

➡️टला बड़ा हादसा 

बताया जाता है कि फैक्ट्री के जिस टंकी में टायरों के टुकड़े डालकर बुउयल किया जाता है।इसकी क्षमता करीब तीन हजार लीटर की है। फैक्ट्री संचालित होने से टंकी हीट थी। गनीमत रही आग से टंकी में कोई नुक्सान नहीं पहुंचा टंकी फटने से बड़ा हादसा हो सकता था।

➡️नहीं थे आग बुझाने के उपकरण

फैक्ट्रियों में आग बुझाने के रखे उपकरण क्षमता के अनुरूप नहीं थे। अगर उपकरण होते तो शायद समय रहते श्रमिक आग पर काबू पा लेते और इतना अधिक नुकसान नहीं होता।

➡️विश्वकर्मा पूजा के बाद श्रमिकों ने मना किया था काम करने को

मंगलवार को फैक्ट्री में विश्वकर्मा पूजा होंने के बाद फैक्ट्री में दिनभर काम बंद कर दिया गया था। श्रमिकों ने बताया कि फैक्ट्री संचालक द्वारा सभी को रात्रि में काम करने की बात कही तो अधिकांश लोगों ने विरोध किया।  लेकिन बावजूद इसके संचालक के दबाव के चलते रात्रि में फैक्ट्री संचालित की गई। संचालक अगर श्रमिकों की बात मानते शायद यह हादसा न होता।

➡️धुंए के फैले प्रदुषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत

टायर फैक्ट्री में लगी आग से निकला धुआं औधोगिक क्षेत्र ही नहीं उमरा, राजापुर,गुगौर,अनवारी व अमरसंडा सहित आस पास गांव में फ़ैल गया। धुंए से पूरा आसमान भी ढका नजर आया।   फैक्ट्री के जहरीले धुएं से आस-पास के मकानों में सो रहे लोगों की नींदे खुल गई। धुंए से लोगों को सांस लेने में दिक्कतें आने लगी। वही अस्थमा के मरीजों की सांस फूलने लगी। जिससे लोगों को मास्क का सहारा लेना पड़ा।

➡️रिपोर्ट-आशीष कुमार