केंद्र सरकार ने लांच किया -ई श्रम पोर्टल


केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए ई श्रम पोर्टल शुरू करने की तैयारी कर रही है इससे असंगठित क्षेत्र और प्रवासी श्रमिकों के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर डाटा उपलब्ध होगा। वर्किंग पीपुल्स चार्टर, दिहाड़ी मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश, संगठित कामगार अधिकार मंच उत्तर प्रदेश केंद्र सरकार के इस सराहनीय कदम का स्वागत करता है । इस पोर्टल को अगर समय सीमा के अनुसार लागू कर दिया गया तो असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बहुप्रतीक्षित सामाजिक सुरक्षा और हकदारी दिलाना संभव हो जाएगा।


ई श्रम पोर्टल को आज 26 अगस्त 2021 को लांच किया गया। श्रमिकों के लिए टोल फ्री नंबर 14434 जारी किया गया है श्रमिक इससे संबंधित कोई भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। लांच हो जाने के बाद श्रमिक अपना आधार और बैंक खातों के विवरण के साथ इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं इसके बाद उन्हें एक ही ई श्रम कार्ड जारी किया जाएगा जिसमें 12 अंकों वाला एक विशिष्ट नंबर उन्हें दिया जाएगा।

इस बात को स्वीकारना होगा कि श्रमिकों ने यहां तक पहुंचने के लिए काफी बड़ी कीमत अदा की है कोविड-19 महामारी के कारण बिना किसी पूर्व सूचना के लॉक डाउन की घोषणा कर दिए जाने के बाद मची अफरा-तफरी के बाद जब हजारों मजदूर अपने घर पहुंचना चाह रहे थे तो केंद्र और राज्य सरकारें दोनों के पास किसी तरह का कोई डेट समाधान का तरीका नहीं था। श्रम और रोजगार मंत्रालय की मजदूरों के इस भारी पलायन से निपटने की कोई तैयारी भी नहीं थी। अब यह डेटाबेस भारी संख्या में इन श्रमिकों को किस तरह की मदद न्याय और गरिमा दिलाने में सफल हो पा रहा है या नहीं यह समय बताएगा। 

वर्किंग पीपल चार्टर के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूर संगठन असंगठित कामगार अधिकार मंच के द्वारा जो सुझाव दिए हैं वह इस प्रकार हैं।

चिंताएं –

 1- पोर्टल में कहा गया है कि जिन श्रमिकों के पास आधार कार्ड नहीं है वह इसमें रजिस्टर्ड नहीं हो सकते।

2-वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और हकदारी इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है कुछ योजनाओं जैसे दुर्घटना बीमा ₹200000 तक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तक पहुंच दिलवाने का प्रस्ताव है और अन्य योजनाओं के बारे में कोई विवरण उपलब्ध नहीं है।

3-डेटाबेस सिर्फ पिता का नाम पूछता है मां का नाम नहीं है यह लिंग आधारित बहिष्करण पैदा करता है

5 - इस व्यवस्था में ऐसे श्रमिक शामिल नहीं होंगे जो विभिन्न बोर्डों में पंजीकृत हैं या यह नहीं पता कि वह इस पोर्टल के राष्ट्रीय डेटाबेस तक कैसे आएंगे।

6- 60 वर्ष से ऊपर श्रमिकों के लिए पोर्टल में कोई स्थान नहीं दिया गया है ।

7_-पोर्टल पर पंजीकरण के लिए श्रमिकों का सत्यापन श्रम सुविधा केंद्र करेगा डर है कि उसके लिए 43 करोड श्रमिकों के डेटाबेस को संभालना मुश्किल है जिसकी वजह से काफी लोग छूट जाएंगे।

8 -पूरी व्यवस्था में डिजिटल डिवाइड की समस्या का ध्यान नहीं रखा गया है जो ऐसे श्रमिकों के लिए अवरोध बन जाएगा जिनके पास इस तक पहुंचने की जानकारी नहीं श्रमिकों को यूएन नंबर देने के बाद आज तक कोई संदेश सूचना लिंक प्राप्त नहीं हुआ है यहां तक कि कार्ड जाने के बाद भी नहीं।

सभी श्रमिकों को शामिल किया जाए।

वर्किंग पीपल चार्टर असंगठित कामगार अधिकार मंच व देहाती मजदूर संगठन द्वारा एक एस ओ पी सुझाया है जिस पर अगर अमल किया गया तो विभिन्न क्षेत्रों के अधिकांश श्रमिकों को इसमें शामिल होने में मदद मिलेगी इसलिए श्रमिकों के संगठनों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए ताकि वह पंजीकरण में सहयोग दे सकें और श्रमिकों को इस बारे में जानकारी और प्रशिक्षण दे सके।

पंजीकरण प्रक्रिया

वोटर आईडी को आधार कार्ड के रूप में विकल्प एक पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया जाए।

 श्रमिक जिन सूचनाओं को साझा कर रहे हैं उनको सही माना जाए बशर्ते कि वह गलत साबित ना हो

श्रमिकों के संगठनों को पंजीकरण प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाए ताकि वह पंजीकरण और श्रमिकों के सत्यापन में मदद कर सकें।

पंजीकरण शिविर लगाने श्रमिकों के दरवाजे पर जाकर पंजीकरण करने जैसे कार्य राज्य केंद्र सरकार की होनी चाहिए ना कि पंजीकरण का सारा दारोमदार श्रमिक पर छोड़ देना चाहिए।

सूचना और पंजीकरण से लाभ

राज्य व केंद्र को मदद करने के लिए एक त्रिपक्षीय सलाहकार समिति गठित हो जो सामाजिक सुरक्षा की हकदारी सुनिश्चित कराने के लिए उपयुक्त योजना तैयार करेंl

केंद्र व राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था बनाएं ताकि श्रमिकों को पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी हो सके जैसे उन्हें पंजीकरण क्यों करना चाहिए उससे क्या फायदा होगा कौन सूचना का हकदार होगा।

ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए की श्रमिक पंजीकरण कहीं से भी करा सके कहीं से भी सूचना प्राप्त कर सके तथा इससे प्राप्त होने वाले लाभ को कहीं से भी हासिल किया जा सके।

 वर्किंग पीपल चार्टर व इंडिया लेबर लाइन के राष्ट्रीय समन्वयक चंदन कुमार , वर्किंग पीपल चार्टर उत्तर प्रदेश संदीप खरे दिहाड़ी मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष यादव तथा असंगठित कामगार अधिकार मंच के तमाम सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए सराहना की गई।

          गुरुप्रसाद

असंगठित कामगार अधिकार मंच उत्तर प्रदेश

         6392800478

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