रघुवरशरण ’ अयोध्या
सुप्रीम फैसले के बाद रामलला के चढ़ावे में भारी वृद्धि हुई है। नौ नवंबर को आए फैसले से पहले रामलला का चढ़ावा औसतन छह लाख रुपये मासिक था, जो फैसले के बाद बढ़कर अब दस लाख रुपये तक पहुंच गया है।
रामलला का दानपात्र हर 15 दिन के अंतराल पर खोला जाता है। हर महीने पहली बार पांच तारीख को और दूसरी बार 20 तारीख को यह पात्र खुलता है। फैसला आने के बाद पहली बार 20 नवंबर को खोले गए दानपात्र से छह लाख से अधिक रुपये निकले थे, जबकि दो-तीन वषों से इस रकम का औसत पौने तीन से सवा तीन लाख रुपये के बीच चला आ रहा था।
रामलला का दानपात्र फैसला आने के बाद से अब तक छह बार खोला जा चुका है और हर बार फैसले से पूर्व के मुकाबले लगभग डेढ़ से दोगुनी तक रकम निकल रही है। 20 नवंबर के बाद पांच दिसंबर को रामलला के दानपात्र से पांच लाख रुपये निकले थे, जबकि इसके बाद के पखवारे में 3.24 लाख रुपये निकाले गए। पांच जनवरी को जब दानपात्र खुला, तब चढ़ावे में फिर तीव्र वृद्धि दर्ज की गई और इस पखवारे में चढ़ावे की राशि छह लाख रुपये तक जा पहुंची। 20 जनवरी को दानपात्र से पांच लाख रुपये आए, जबकि पिछली बार यानी छह फरवरी को चढ़ावे की राशि 4.89 लाख रुपये गिनी गई।अयोध्या के अस्थाई मंदिर में विराजे रामलला ’ खाते में 11 करोड़ से अधिक
रामलला के चढ़ावे में वृद्धि तो तीन माह की है लेकिन, बैंक में उनका खाता तीन दशक पुराना है। रामलला के चालू खाते में वर्तमान में करीब तीन करोड़ रुपये जमा हैं। रामलला के नाम से साढ़े आठ करोड़ रुपये से अधिक का फिक्स डिपॉजिट भी है।नवंबर में आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला, तीन महीने में बढ़ा श्रीराम जन्मभूमि का चढ़ावा
पहले हर माह आते थे करीब छह लाख रुपये, अब दस लाख तक पहुंची रकम
आने वाले दिनों में मंदिर के शिलान्यास के साथ रामलला के चढ़ावे में कई गुना की वृद्धि होगी। इस उत्साह का आकलन मंदिर निर्माण के लिए दान