बाराबंकी। टिकैतनगर क्षेत्र के कोठरी गौरिया के लोगों को बाढ़ के समय गांव से निकलने के लिए अब नाव की आवश्यकता नहीं होगी। गांव से बांध पर पहुंचने के लिए बने अस्थायी जर्जर पुल की जगह एक करोड़ 54 लाख की लागत से नए पुल का निर्माण होगा। इससे आधा दर्जन से अधिक गांव की करीब 20 हजार आबादी को सहूलियत होगी।
विकास खण्ड पूरेडलई क्षेत्र की आधे से ज्यादा आबादी बाढ़ प्रभावित है। घाघरा की तराई में बसे गांव से निकलने के लिए एकमात्र रास्ता बांध तक बना अस्थाई पुल ही है। हर वर्ष की बाढ़ से यह पुल भी पूरी तरह जर्जर हो चुका हैं। बाढ़ के समय ग्रामीणों को निकलने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ता है। यही नहीं घाघरा नदी उस पार बसे गांव के लोगों को नदी पार कर इस पार आने के लिए कोठरी गौरिया से दूसरी नाव का सहारा लेकर अलीनगर रानीमऊ बांध पर पहुंचते थे। लेकिन ग्रामीणों को अब बाढ़ के समय गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। कोठरी गौरिया गांव में बने अस्थाई पुल पर एक करोड़ 54 लाख की लागत से नया पुल बनाया जाएगा।