लखनऊ : घोटाले में फंसी अपनी भविष्य निधि की रकम के भुगतान की गारंटी के लिए आंदोलन कर रहे बिजली इंजीनियरों ने अब विभाग में कार्यरत संविदाकर्मियों की भविष्य निधि को लेकर सवाल उठाए हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने संविदाकर्मियों के वेतन से कट रहा पैसा ईपीएफ फंड में जमा न होने पर नाराजगी जताते हुए ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
संविदाकर्मियों के लिए आवाज उठाने के साथ बिजली इंजीनियरों व कर्मचारियों ने अपनी भविष्य निधि के लिए भी आंदोलन की तैयारी तेज कर दी है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 18 व 19 नवंबर को होने वाले 48 घंटे के कार्य बहिष्कार के लिए सभाएं और अभियान तेज कर दिया है, वहीं पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन ने भी आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए शनिवार को बैठक बुलाई है। एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने जहां सीबीआइ जांच न होने पर सवाल उठाए, वहीं औद्योगिक अशांति टालने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से हस्तक्षेप करने और भुगतान की गारंटी का नोटीफिकेशन जारी करने की मांग की है।
दूसरी तरफ संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि घोटाले के मुख्य आरोपी पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन और अन्य जिम्मेदार आइएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी न होने से बिजलीकर्मियों में नाराजगी है। समिति ने कार्य बहिष्कार के लिए शुक्रवार को लखनऊ सहित सभी जिला व परियोजना मुख्यालयों पर सभाएं कर राज्य सरकार से गजट नोटीफिकेशन जारी करने की मांग की, जिससे कार्मिक निश्चिंत होकर पूरे मनोयोग से बिजली आपूर्ति के काम में जुट सकें।