मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका इकबाल अंसारी राजी नहीं
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष बंटा नजर आने लगा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे अनुचित बताते हुए नामंजूर कर दिया है। रविवार को बोर्ड की कार्यकारिणी ने अहम बैठक कर निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। बोर्ड ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि अन्यत्र लेने से भी यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि यह शरीयत के खिलाफ है। हालांकि मुस्लिम पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्णय से सहमत नहीं है। सुन्नी वक्फ बोर्ड पहले ही पुनर्विचार याचिका से मना कर चुका है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को नदवातुल उलमा में होनी थी लेकिन, प्रशासन से अनुमति न मिलने की वजह से डालीगंज स्थित मुमताज पीजी कॉलेज में हुई। बोर्ड में पचास सदस्य हैं जिसमें लगभग 35 सदस्यों के अतिरिक्त विशेष आमंत्रित मुस्लिम नेता भी शामिल हुए। बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता में बोर्ड के सचिव और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर नहीं है। यह महसूस किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में कई ¨बदुओं पर न केवल विरोधाभास है, बल्कि प्रथमदृष्टया अनुचित प्रतीत होता है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। याचिका में इस तथ्य का भी जिक्र किया जाएगा कि मस्जिद की जमीन के बदले मुसलमान कोई अन्य भूमि स्वीकार नहीं कर सकते हैं। जिलानी ने कहा कि मुसलमान मस्जिद की भूमि के लिए, न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे। उन्होंने तर्क दिया कि अयोध्या में नई मस्जिद बनाने की हमें क्या जरूरत है। पहले से ही वहां तमाम मस्जिदें हैं। विशेष आयोजन 10
लखनऊ में रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के बाद जानकारी देते जफरयाब जिलानी ' जागरण
तीन पक्षकार सहमत जफरयाब जिलानी का दावा है कि पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए तीन पक्षकारों की सहमति मिल गई है। पक्षकार मौलाना महफुजर्रहमान, मो. उमर और मिसबाहुद्दीन हमारे साथ हैं। जमीयत उलमा हंिदू के अध्यक्ष अरशद मदनी ने भी याचिका दाखिल करने की घोषणा की है।
इकबाल फिर बोले, हमें नहीं चाहिए रिव्यू, जिसे कोर्ट जाना हो जाए, अयोध्या : बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल ने फिर कहा है कि हमें नहीं चाहिए रिव्यू और जिसे कोर्ट जाना हो जाए। मैं अपने रुख पर कायम हूं। दोहराया कि अब हमें बाबरी मस्जिद को भूल कर आगे की ओर देखना होगा।
दबाव में होंगे इकबाल अंसारी
इकबाल अंसारी के बारे में जफरयाब जिलानी का कहना था कि अयोध्या में पुलिस प्रशासन किसी को इस फैसले के खिलाफ बोलने नहीं दे रहा। हो सकता है कि इकबाल अंसारी भी दबाव में हों।
मदनी ने बीच में छोड़ी बैठक, कल्बे सादिक नहीं पहुंचे
जमीअत उलमा-ए-हंिदू के महासचिव मौलाना महमूद मदनी मुस्लिम बैठक को बीच में ही छोड़ वापस लौट गए। उनके बैठक छोड़ने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर बोर्ड के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक बैठक में शामिल नहीं हुए।
सुन्नी वक्फ बोर्ड भी कर चुका है किनारा
सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से मना कर चुके हैं। पांच एकड़ भूमि लेने या न लेने के मसले पर