संवादसूत्र, बाराबंकी: अगस्त क्रांति की 77वीं वर्षगांठ शुक्रवार को राष्ट्र ध्वज फहराकर जन क्रांति दिवस के रूप में नगर के देवा रोड स्थित गांधी भवन में मनाई गई। इस मौके पर देश की स्वतंत्रता में भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों के योगदान को भी याद किया गया।
आचार्य नरेंद्रदेव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन चंद्र तिवारी ने बताया कि नौ अगस्त 1942 की घटना से पूरे देश ने एक स्वर में पूर्ण स्वराज्य का आह्वान किया था। देश एकजुट होकर दृढ़ निश्चय के लिए चल पड़ा था। मगर इस क्रांति के साथ ही एक अंदरूनी विघटन का वातावरण भी बनना शुरू हुआ जिसके कारण न सिर्फ औपचारिक स्वतंत्रता में देर लगी बल्कि देश दो टुकड़ों में बंट गया। इस मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जमुना प्रसाद बोस के पुत्र सुरेश बोस का नागरिक अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष उप्र कांग्रेस कमेटी के संगठन मंत्री नरेंद्र पाल वर्मा ने कहा कि आज उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है जो आधुनिक भारत के शिल्पकार बने। गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने कहा कि अगस्त क्रांति के आंदोलन ने देश को अदम्य उत्साह, साहस और सामथ्र्य वाले अग्रणी नेता दिए। गांधी जी तो इस आंदोलन के सूत्रधार थे ही लेकिन यूसुफ मेहर अली, जयप्रकाश नारायण, अच्युत पटवर्धन, अरुणा आसिफ अली और राम मनोहर लोहिया और आचार्य नरेंद्र देव जैसे अग्रणी समाजवादी नेताओं के अलावा जुझारू युवा नेताओं की एक नई पीढ़ी तैयार होकर सामने आई।
इस मौके पर उप्र कांग्रेस कमेटी पूर्व महासचिव जितेंद्र चौधरी, उमानाथ यादव, विनय कुमार, सुशील कुमार पांडेय, मृत्युंजय शर्मा, अशोक शुक्ला, साकेत मौर्या, सरदार राजा सिंह, अशोक जायसवाल, संतोष शुक्ला, मेराज किदवई, कपिल सिंह यादव, ज्ञान तिवारी, चंद्रशेखर चौहान, संदीप यादव, अवधेश यादव, पाटेश्वरी आदि मौजूद रहे।
इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार संगठन के जिलाध्यक्ष श्रवण कुमार वर्मा ने भी क्रांति दिवस पर गांधी जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। संरक्षक डॉ. राजकुमार, सचिव भारत भूषण, उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह, प्रवीण कुमार, संजय सिंह, कैलाश भूषण व अनिल आदि मौजूद रहे।