राज्य ब्यूरो, लखनऊ : भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) ने डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे गरीब सवर्णो को तगड़ा झटका दिया है। परिषद ने प्रदेश के सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण की सीट बढ़ाने से मना कर दिया है। इस गतिरोध का हल निकालने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने विभागीय सचिव मुकेश कुमार मेश्रम को दिल्ली भेजा है।
एमसीआइ ने हालांकि पिछले दिनों प्रदेश के नौ राजकीय मेडिकल कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण के लिए 275 सीटें बढ़ाई हैं लेकिन, इसी साल से प्रदेश में शुरू हुए सौ-सौ सीटों वाले सात नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब इस श्रेणी की सीटें बढ़ाने से उसने मना कर दिया है। इसमें अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फीरोजाबाद, शाहजहांपुर व बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के साथ ग्रेटर नोएडा स्थित गवर्मेट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भी शामिल है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि एमसीआइ ने तीन तरह के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने से मना किया है, इसमें मानक पूरे न करने वाले कॉलेजों के अलावा एक ओर एमबीबीएस की 250 या इससे ज्यादा सीटों वाले कॉलेज हैं तो दूसरी और वे कॉलेज हैं, जो सौ सीटों के साथ पहली बार पढ़ाई कराने जा रहे हैं।
प्रदेश के सात नए मेडिकल कॉलेज सौ सीटों वाली श्रेणी में आते हैं। इन कॉलेजों में सवर्ण आरक्षण की अतिरिक्त सीटें न मिलने ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। फिलहाल मेश्रम को दिल्ली भेजा गया है लेकिन, सीटें बढ़ने की उम्मीद कम है। इसे देखते हुए विभाग ने अपने स्तर से सवर्ण आरक्षण देने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
'>>पहली बार पढ़ाई करा रहे कॉलेजों में नहीं बढ़ेंगी एमबीबीएस की सीटें
'>>मुख्यमंत्री के निर्देश पर सीटें बढ़वाने दिल्ली पहुंचे चिकित्सा शिक्षा सचिव