संवादसूत्र, टिकैतनगर, (बाराबंकी): घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से भयभीत नदी के तटवर्ती गांवों के ग्रामीण अपनी गृहस्थी समेट कर सुरक्षित ठिकाने की ओर पलायन करने लगे हैं। सोमवार को घाघरा का जलस्तर 105.796 रिकार्ड किया गया। पिछले 24 घंटों में नदी के जलस्तर में 45 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
सोमवार को इटाहुआ पूर्व, तेलवारी में तेज कटान हुई। गांव निवासी विपिन कुमार,रामतीरथ, पीर मोहम्मद के घर नदी में समा गए। नदी के मुहाने पर बसे ग्रामीण अपनी गृहस्थी को समेटने में जुटे हैं। इटाहुआ पूर्व में घाघरा लगातार कटान कर आबादी के पास आगे बढ़ रही है। आबादी पांच मीटर ही बची है।
घाघरा की लहरें कृषि योग्य जमीन को अपने आगोश में ले रही हैं। जलस्तर बढ़ते रहने से ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है। बाढ़ के पानी ने निचले इलाकों की ओर अपना रुख करना शुरू कर दिया है। यहां पर अभी तक प्रशासन ने बाढ़ राहत व बचाव के इंतजाम नहीं शुरू किए हैं। यहां तक की तिरपाल का वितरण नहीं किया गया है।
ग्रामीण राजकुमार, गयादीन का कहना है कि कि यदि बाढ़ आ गई और कटान नहीं थमी तो गृहस्थी सुरक्षित करना मुश्किल हो जाएगा।
इन दोनों गांव में 15 दिन से कटान हो रही हैं, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन से की है पर अब तक कोई भी राजस्व कर्मी गांव वालों की सुधि लेने नहीं पहुंच है।ग्रामीण कर रहे पलायन तेलवारी गांव के रेता में रह रहे माधुरी और सहजराम सहित करीब एक दर्जन परिवार सुरक्षित ठिकाने की तलाश में वहां से पलायन कर चुके हैं। वे बंधे पर अपना अस्थाई ठिकाना बना रहे हैं।सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के तेलवारी गांव में कटान करती घाघरा नदी और नदी के रेता में पानी भरने से तटबंध पर आते बाढ़ पीड़ित 'जागरणघर छोड़कर तटबंध पर बसने वाले परिवारों की सूची तैयार करवाई जाएगी। साथ ही उन्हें राहत सामग्री का वितरण कराया जाएगा।
-अखिलेश सिंह, तहसीलदार, सिरौलीगौसपुर।