ज्य ब्यूरो, लखनऊ : कांग्रेस से भितरघाती और अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं की सफाई के लिए चल रही कवायद अब फैसलों के मुहाने पर पहुंच गई है। राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्वी उप्र प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने अनुशासन समिति को रिपोर्ट तैयार करने और भेजने के लिए पंद्रह जुलाई तक का वक्त दिया था। शिकायत और सुनवाई का सिलसिला अब खत्म है और इंतजार है कि प्रियंका क्या कार्रवाई करती हैं।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद महासचिव प्रियंका वाड्रा ने अनुशासनहीन और पार्टी से भितरघात करने वाले कार्यकर्ताओं को चिह्न्ति करने के लिए तीन सदस्यीय अनुशासन समिति बनाई थी। पंद्रह जुलाई तक समिति से रिपोर्ट मांगी थी। समिति के सदस्यों ने पहले तो शिकायतें लीं और उसके बाद आरोपित पक्ष से सुनवाई भी की। इसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार धीरे-धीरे रिपोर्ट भी पहुंचाते रहे। यह प्रक्रिया रविवार तक चलती रही।
अब विधानसभा चुनाव में पार्टी को नया कलेवर देने को प्रयासरत प्रियंका के पाले में गेंद है। उन्हें रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करनी है। संत कबीरनगर के पूर्व सांसद भालचंद यादव को तो छह वर्ष के लिए निष्कासित किया जा चुका है। इस रिपोर्ट में भी कई दिग्गजों के नाम हैं, जिन पर कार्रवाई को लेकर पार्टी कार्यकर्ता भी संशय में हैं।